Wednesday, January 21, 2015

राजनाथ सिंह - यह कैसा विरोधाभास है ?

'हमारा मीडिया भ्रमित है। वह कहता है कि अमेरिकी वेधशाला बताते हैं सूर्य ग्रहण और चंद्रग्रहण किस तारीख को लगेगा... मैं कहता हूं मत देखो वेधशाला की तरफ, पड़ोस में कोई भी पंडित जी होंगे। वह पंचांग खोलेंगे और 100 साल पहले से 100 साल बाद का ग्रहण बता देंगे।'

यह शब्द केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के हैं। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के दौरान कहे। यकीनन, हमारे पंडितों के पास बहुत सारा ज्ञान है।

मगर, राजनाथ श्री यहां तक मुझे याद है। हमारे किस पंडित ने आज तक चंद्रमा पर किसी व्यक्ति को नहीं भेजा और न ही आज तक किस पंडित ने मंगल ग्रह पर जाकर आसन जमाया। आपकी उंगलियों मे पहने रत्न बताते हैं कि आप ज्योतिष विद्या में विश्वास करते हैं। जो करना बुरी बात नहीं है। वैदिक ज्योतिष सदियों से विश्वसनीय है।

मगर, आप के दाहिने हाथ पर सुनहरे रंग की एक घड़ी हमेशा विराजमान रहती है। इस घड़ी सूईयां समय बिताती हैं और घड़ी व्यक्ति का समय बताती है। मैंने कभी घड़ी नहीं बांधी। मेरे घर में बहुत वर्षों तक टाइम पीस भी नहीं हुआ करता था। मगर, मेरी माता सूर्य के ढलते परछाये के साथ समय का अंदाजा लगा लेती थी। मेरे पिता रात को खेतों में पानी लगाते समय तारों को देखकर समय समझ लेते थे। मगर, यह केवल अनुमान होता था। यह पक्की पक्की या सटीक जानकारी नहीं होती थी।

आज आपके हाथ में बांधी हुई घड़ी सटीक समय देती है। आपके बगल में खड़े हुए व्यक्ति की घड़ी से एक दो सेकंड के अंतर से चल रही हो सकती है। मगर, एक दो संकेड का अंतर अधिक मायने नहीं रखता है। मगर, अब मैं शहर में नौकरी करता हूं। मेरे कार्यालय में बायो मैटिक हाजिरी सिस्टम है। मुझे उसके हिसाब से दौड़ना पड़ता है। मेरे पास समय नहीं कि मैं सूर्य के उगने से समय की गणना कर पाउं।

और सबसे दिलचस्प बात तो कहना चाहूंगा कि आज पंडित भी टेक्नो दीवाने हो रहे हैं। आज कल वो भी जन्म कुंडली कंप्यूटर में फटाफट बनाने लगें हैं। हां, जिनके पास अभी तक सुविधा नहीं पहुंची, वो कागज काले कर रहे हों, मैं इस संदर्भ में अधिक कुछ नहीं कह सकता।

भारत में डिग्री आधारित शिक्षा प्रणाली को खत्म कर देते हैं क्योंकि हमारे ऋषियों मुनियों के पास कौन सी डिग्रियां थी। उनकी शिक्षा आज की शिक्षा से बेहतर थी। उनके अनुमान आज के विज्ञान से अधिक सटीक थे। यदि आप डिग्री व्यवस्था को खत्म कर दें तो स्मृति ईरानी को लेकर चल रहा विवाद भी खत्म हो जाएगा। उनकी तरह हम भी पंडित से जाकर पूछेंगे कि हमारे नसीब में प्रधानमंत्री बनना लिखा है या नहीं ?

सुनना है कि हिल्टर को किसी ने कहा था, तुम्हारे हाथों में सत्ता प्राप्ति की लकीर नहीं है अर्थात राज्य योग नहीं। और जिद्दी हिटलर ने चाकू से हाथ पर रक्त से लथ पथ लकीर खींच डाली थी। और लथ पथ धरती पर उसकी हुकूमत की दुनिया गवाह बन गई। आप भारत को किसी तरफ लेकर जाना चाहते हैं। राजनाथ सिंह स्पष्ट करें। 

एक तरफ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी डिजिटल इंडिया देखना चाहता है और एक तरफ आप पुराने रीति रिवाजों में विश्वास करने वाला भारत देखना चाहते हैं। स्पष्ट करो। आप दीक्षांत समारोह में हैं। डिग्री बांट रहे हैं। आप युवा पीढ़ी को संदेश दे रहे हैं। यह किस तरह का विरोधाभास है कि हाथ में घड़ी है या तारों को देखकर समय देखने वाली दुनिया पर नजर खड़ी है। 

No comments:

Post a Comment

अपने बहुमूल्य विचार रखने के लिए आपका धन्यवाद

Labels

Valentine Day अटल बिहार वाजपेयी अंधविश्‍वास अध्यात्म अन्‍ना हजारे अभिव्‍यक्‍ति अरविंद केजरीवाल अरुण जेटली अहमदाबाद आतंकवाद आप आबादी आम आदमी पार्टी आमिर खान आमिर ख़ान आरएसएस आर्ट ऑफ लीविंग आस्‍था इंटरनेट इंडिया इमोशनल अत्‍याचार इलेक्ट्रोनिक मीडिया इस्‍लाम ईसाई उबर कैब एआईबी रोस्‍ट एनडीटीवी इंडिया एबीपी न्‍यूज एमएसजी ओएक्‍सएल ओह माय गॉड कटरीना कैफ कंडोम करण जौहर कांग्रेस किरण बेदी किसान कृश्‍न चन्‍दर क्रिकेट गजेंद्र चौहान गधा गरीबी गोपाला गोपाला घर वापसी चार्ली हेब्‍दो चुनाव चेतन भगत जन लोकपाल बिल जन समस्या जनसंख्या जन्‍मदिवस जापान जीतन राम मांझी जेडीयू जैन ज्योतिष टीम इंडिया टेक्‍नीकल टेक्‍नोलॉजी टेलीविजन टैलिप्राम्प्टर डाक विभाग डिजिटल इंडिया डिजीटल लॉकर डेरा सच्चा सौदा डॉ. अब्दुल कलाम तालिबान तेज प्रताप यादव द​ सन दिल्‍ली विधान सभा दिल्‍ली विधान सभा चुनाव देव अफीमची दैनिक जागरण दैनिक भास्कर द्वारकी धर्म धर्म परिवर्तन धोखा नई दुनिया नत्थुराम गोडसे नमो मंदिर नया संस्‍करण नरेंद्र मोद नरेंद्र मोदी नववर्ष नीतीश कुमार नीलगाय नूतन वर्ष पंजाब केसरी पंजाब सरकार पद्म विभूषण पवन कल्‍याण पाकिस्तान पान की दुकान पीके पेशावर हमला पोल प्‍यार प्रतिमा प्रमाणु समझौता प्रशासन प्रेम फिल्‍म जगत बजट सत्र बजरंग दल बराक ओबामा बाबा रामदेव बाहुबली बिग बॉस बिहार बीजेपी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ बॉलीवुड भगवान शिव भगवानपुर मंदिर भाजपा भारत भारतीय जनता पार्टी मनोरंजन ममता बनर्जी महात्मा गांधी महात्मा मंदिर महाराष्‍ट्र महेंद्र सिंह धोनी माता पिता मार्कंडेय काटजू मीडिया मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव मुसलमान मुस्लिम मोबाइल मोहन भागवत युवा पीढ़ी रविश कुमार राज बब्बर राजकुमार हिरानी राजनाथ सिंह राजनीति राजस्‍थान सरकार रामदेव राहुल गांधी रिश्‍ते रेप रेल बजट रेलवे मंत्री रोमन रोमन हिन्दी लघु कथा लीला सैमसन लोक वेदना लोकतंत्र वर्ष 2014 वर्ष 2015 वसुंधरा राजे वाहन विज्ञापन वित्‍त मंत्री विदेशी विराट कोहली विवाह विश्‍व वीआईपी कल्‍चर वैंकेटश वैलेंटाइन डे वॉट्सएप व्यंग शरद पावर शरद यादव शार्ली एब्‍दे शिवसेना शुभ अशुभ शेनाज ट्रेजरीवाला श्रीश्री श्रीश्री रविशंकर सकारात्‍मक रविवार संत गुरमीत राम रहीम सिंह सफलता समाजवाद समाजवादी पार्टी सरकार सरदार पटेल सलमान खान साक्षी महाराज सिख सिख समुदाय सुकन्‍या समृद्धि खाता सुंदरता सुरेश प्रभु सोनिया गांधी सोशल मीडिया स्वदेशी हास्‍य व्‍यंग हिंदी कोट्स हिंदु हिंदू हिंदू महासभा हिन्दी हिन्‍दू संगठन हेलमेट हैकर हॉलीवुड