सूर्य उदय होने के साथ सेठ रामलाल भी कुत्ते के साथ सड़क पर निकल लेते हैं, अपने बढ़ते हुए पेट को कम करने के लिए, और रामू भी निकल पड़ता है, अपने खाली पेट को भरने के लिए। अगर देखा जाए तो दोनों की समस्या पेट से जुड़ी हुई है, हालांकि, समस्या अपनी अपनी है। सनी लियोने भारत आई, उसको एक नया बाजार मिला, उसको आधे कपड़े पहने के पैसे मिलने लगे। मगर, भारतीय अभिनेत्रियां आधे कपड़े उतारने के लिए पैसे मांगती हैं। राखी सावंत कहती हैं कि उनको सनी लियोने ने अंग प्रदर्शन के लिए मजबूर कर दिया। मामला महिला अंग प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है, हालांकि, समस्या अपनी अपनी है।
एक ख़बर के अनुसार बिहार में जनसंख्या कंट्रोल करने की एक अनूठी कोशिश के अंतर्गत एक पान दुकानदार अपने ग्राहकों को पान के साथ कंडोम मुफ्त में दे रहा है। उसका कहना है कि इसके जरिए वह लोगों को जनसंख्या नियंत्रण के लिए जागरूक करने की कोशिश कर रहा है। कटिहार के नंदलाल की पहल बुरी नहीं है, मगर एक बात अन्य भी कह दूं, आजकल कंडोम का इस्तेमाल विवाहित जातक कम, और आविवाहित अधिक करते हैं, क्योंकि कंडोम असुरक्षित संबंधों में स्वयं की सुरक्षा बनाए रखने के लिए इस्तेमाल भी होते हैं। जहां बिहार का एक नागरिक बढ़ती जनसंख्या के कारण परेशान है, तो वहीं जापान अपनी कम होती जनसंख्या को लेकर परेशान है। दोनों में चिंता का मूल कारण जनसंख्या है, हालांकि, समस्या अपनी अपनी है।
सरकार के अनुसार साल 2014 में 2013 की तुलना में 9000 कम बच्चों ने जन्म लिया। साल 2014 में नवजात शिशुओं की संख्या घट कर 10 लाख हो गई। इसके मुख्य कारण बच्चों के जन्म और पालन-पोषण का बढ़ता खर्च, कामकाजी महिलाओं की बढ़ती तादाद, अधिक उम्र में शादी, अविवाहितों की बढ़ती आबादी, घर के माहौल और समाजिक रीति-रिवाजों में बदलाव हैं।
वैसे तो जापान के प्राचीन इतिहास के संबंध में कोई पक्की जानकारी नहीं है। किंतु, जापानी लोककथाओं के अनुसार विश्व के निर्माता ने सूर्य देवी एवं चन्द्र देवी को भी रचा। उनका पोता क्यूशू द्वीप पर आया और उनके संतान होंशू द्वीप पर फैल गए। यह कथा सत्य है या असत्य है, इसका ठोस सबूत नहीं है। हालांकि, जापान के बारे में एक कड़वा सत्य है कि 1910 से 1945 के बीच जापानी सेना ने अपने कब्जे वाले देशों में लाखों महिलाओं से बलात्कार किया। इसके लिए बकायदा बलात्कार केंद्र बनाए गए थे। डर यह है कि अपने अस्तित्व को बचाने की दौड़ यदि जापान में पुन:शुरू हो गई तो कहीं उपरोक्त दौर फिर न लौट आए। नववर्ष में दुआ तो यह है कि इस दौर की जापान वापसी न हो।
मगर, अब भारत अपनी यातायात समस्या को हल करने के लिए जापान के साथ हाथ मिलाने जा रहा है। भारत के लिए बढ़ती जनसंख्या के साथ साथ यातायात भी एक बड़ी समस्या है। जनसंख्या ही तो बढ़ती यातायात समस्या का मूल कारण है। मगर, जापान की घटती जनसंख्या के मुख्य कारण भारत को आने वाले कल का संकेत दे सकते हैं। यदि भारत जापान से सीखना चाहते तो सीख सकता है। हालांकि, सलाह मेरी, लेकिन सोच अपनी अपनी है।
एक ख़बर के अनुसार बिहार में जनसंख्या कंट्रोल करने की एक अनूठी कोशिश के अंतर्गत एक पान दुकानदार अपने ग्राहकों को पान के साथ कंडोम मुफ्त में दे रहा है। उसका कहना है कि इसके जरिए वह लोगों को जनसंख्या नियंत्रण के लिए जागरूक करने की कोशिश कर रहा है। कटिहार के नंदलाल की पहल बुरी नहीं है, मगर एक बात अन्य भी कह दूं, आजकल कंडोम का इस्तेमाल विवाहित जातक कम, और आविवाहित अधिक करते हैं, क्योंकि कंडोम असुरक्षित संबंधों में स्वयं की सुरक्षा बनाए रखने के लिए इस्तेमाल भी होते हैं। जहां बिहार का एक नागरिक बढ़ती जनसंख्या के कारण परेशान है, तो वहीं जापान अपनी कम होती जनसंख्या को लेकर परेशान है। दोनों में चिंता का मूल कारण जनसंख्या है, हालांकि, समस्या अपनी अपनी है।
सरकार के अनुसार साल 2014 में 2013 की तुलना में 9000 कम बच्चों ने जन्म लिया। साल 2014 में नवजात शिशुओं की संख्या घट कर 10 लाख हो गई। इसके मुख्य कारण बच्चों के जन्म और पालन-पोषण का बढ़ता खर्च, कामकाजी महिलाओं की बढ़ती तादाद, अधिक उम्र में शादी, अविवाहितों की बढ़ती आबादी, घर के माहौल और समाजिक रीति-रिवाजों में बदलाव हैं।
वैसे तो जापान के प्राचीन इतिहास के संबंध में कोई पक्की जानकारी नहीं है। किंतु, जापानी लोककथाओं के अनुसार विश्व के निर्माता ने सूर्य देवी एवं चन्द्र देवी को भी रचा। उनका पोता क्यूशू द्वीप पर आया और उनके संतान होंशू द्वीप पर फैल गए। यह कथा सत्य है या असत्य है, इसका ठोस सबूत नहीं है। हालांकि, जापान के बारे में एक कड़वा सत्य है कि 1910 से 1945 के बीच जापानी सेना ने अपने कब्जे वाले देशों में लाखों महिलाओं से बलात्कार किया। इसके लिए बकायदा बलात्कार केंद्र बनाए गए थे। डर यह है कि अपने अस्तित्व को बचाने की दौड़ यदि जापान में पुन:शुरू हो गई तो कहीं उपरोक्त दौर फिर न लौट आए। नववर्ष में दुआ तो यह है कि इस दौर की जापान वापसी न हो।
मगर, अब भारत अपनी यातायात समस्या को हल करने के लिए जापान के साथ हाथ मिलाने जा रहा है। भारत के लिए बढ़ती जनसंख्या के साथ साथ यातायात भी एक बड़ी समस्या है। जनसंख्या ही तो बढ़ती यातायात समस्या का मूल कारण है। मगर, जापान की घटती जनसंख्या के मुख्य कारण भारत को आने वाले कल का संकेत दे सकते हैं। यदि भारत जापान से सीखना चाहते तो सीख सकता है। हालांकि, सलाह मेरी, लेकिन सोच अपनी अपनी है।
अंत में
विपक्ष और विरोधियों के पास आलोचना का हक होता है। जनविरोधी मामलों में सरकार की आलोचना करने का हक होता है। मगर, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को अपने पीछे चलाने के लिए लालायित हैं। इसलिए उन्होंने वर्ष 2015 को आलोचना करो को समर्पित कर दिया। अब विपक्ष तथा सरकार विरोधी लोग मोदी के पीछे चले तो भी मरे, और न चले तो भी मरे। मोदी ने काम ही ऐसा कर दिया। दरअसल, सांप भी मार दिया और लठ भी बचा ली। ठोको ताली।
विपक्ष और विरोधियों के पास आलोचना का हक होता है। जनविरोधी मामलों में सरकार की आलोचना करने का हक होता है। मगर, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को अपने पीछे चलाने के लिए लालायित हैं। इसलिए उन्होंने वर्ष 2015 को आलोचना करो को समर्पित कर दिया। अब विपक्ष तथा सरकार विरोधी लोग मोदी के पीछे चले तो भी मरे, और न चले तो भी मरे। मोदी ने काम ही ऐसा कर दिया। दरअसल, सांप भी मार दिया और लठ भी बचा ली। ठोको ताली।
मगर, अब भारत अपनी यातायात समस्या को हल करने के लिए जापान के साथ हाथ मिलाने जा रहा है। भारत के लिए बढ़ती जनसंख्या के साथ साथ यातायात भी एक बड़ी समस्या है। जनसंख्या ही तो बढ़ती यातायात समस्या का मूल कारण है। मगर, जापान की घटती जनसंख्या के मुख्य कारण भारत को आने वाले कल का संकेत दे सकते हैं। यदि भारत जापान से सीखना चाहते तो सीख सकता है। हालांकि, सलाह मेरी, लेकिन सोच अपनी अपनी है। एकदम बढ़िया लेख ! कटिहार के नंदलाल का प्रयास सराहनीय लगा
ReplyDelete