परिवर्तन समय का नियम है। इस नियम का पालन करते हुए ब्रिटिश टैबलॉयड 'द सन' ने अपनी दशकों पुरानी परंपरा को बंद करने का फैसला किया है। इस अख़बार का पेज नंबर तीन बेहद अश्लील होता था। इस पन्ने पर महिलाओं की टॉपलेस तस्वीरें छपती थी।
'द सन' का मालिकाना हक भी रुपर्ट मर्डोक की कंपनी न्यूज यूके के पास है। इसी कंपनी के एक अन्य समाचार पत्र 'द टाइम्स' की ख़बर अनुसार पिछले शुक्रवार का एडिशन 'द सन' का टॉपलेस तस्वीर छापने वाला आखिरी एडिशन होगा। जानकारी के अनुसार यह परंपरा चालीस सालों से चलती आ रही है। इसका लंबे समय से विरोध भी हो रहा था। इसके आलोचकों को उस समय जोरदार समर्थन मिला था, जब पिछले साल स्वयं मर्डोक ने इसको 'पुराना फैशन' कहा था।
जानकारी अनुसार समाचार में प्रकाशित होने वाली तस्वीरों को लेकर एक याचिका भी जारी की गई थी, जिस पर 2 लाख 17 हजार लोगों ने दस्तखत किए थे। 'नो मोर पेज 3' नाम की यह कैंपेन चलाने वाले लोगों ने अख़बार के इस कदम का स्वागत किया है और कहा है कि यह सराहनीय कदम है।
उम्मीद करता हूं कि पंजाब का सबसे लोकप्रिय दैनिक समाचार पत्र पंजाब केसरी भी 'द सन' से कुछ सीखते हुए अपने विश्व दर्पण एवं फिल्मी दुनिया वाले पन्नों पर परिवार में बैठकर देखने लायक तस्वीरें प्रकाशित करेगा। अब तक हेयर ड्रेसरों की दुकानों एवं कुंवारों के होस्टेल रूमों की शोभा बढ़ाने के लिए काफी कुछ प्रकाशित हो चुका है। पंजाब केसरी को कड़ी टक्कर देने के लिए अन्य समाचार पत्रों ने भी अश्लीलता का खूब सहारा लिया है। यदि पंजाब केसरी अपना नजरिया बदलता है तो शायद अन्य भी बदल लेंगे। एक साफ सुथरा अख़बार मिलेगा। हिन्दी की कुछ समाचार वेबसाइटों को भी कुछ सोचने की जरूरत है। यदि आप केवल नग्नता से पैसा कमाना चाहते हैं तो मधुर कहानियों पैटर्न पर एक अलग से वेबसाइट खड़ी कर दें। मगर, शाकाहारी भोजन के बीच में चिकन रखकर किसी के भीतर उत्सुकता न जगाएं।
अंत में.....
भारत में भी डीबी कार्प ने एक अनूठी पहल की है। इस पहल के तहत दैनिक भास्कर समूह के किसी भी संस्करण में सोमवार को नकारात्मक समाचार को प्रमुखता नहीं दी जाएगी। हालांकि, यह कोशिश आज से कुछ साल पहले वर्ष 2007 में इंदौर से प्रकाशित होने नई दुनिया समाचार पत्र ने सकारात्मक सोमवार के नाम से की थी, जो कुछ सालों बाद एक नए संपादक के आते ही दम तोड़ गई थी।
'द सन' का मालिकाना हक भी रुपर्ट मर्डोक की कंपनी न्यूज यूके के पास है। इसी कंपनी के एक अन्य समाचार पत्र 'द टाइम्स' की ख़बर अनुसार पिछले शुक्रवार का एडिशन 'द सन' का टॉपलेस तस्वीर छापने वाला आखिरी एडिशन होगा। जानकारी के अनुसार यह परंपरा चालीस सालों से चलती आ रही है। इसका लंबे समय से विरोध भी हो रहा था। इसके आलोचकों को उस समय जोरदार समर्थन मिला था, जब पिछले साल स्वयं मर्डोक ने इसको 'पुराना फैशन' कहा था।
जानकारी अनुसार समाचार में प्रकाशित होने वाली तस्वीरों को लेकर एक याचिका भी जारी की गई थी, जिस पर 2 लाख 17 हजार लोगों ने दस्तखत किए थे। 'नो मोर पेज 3' नाम की यह कैंपेन चलाने वाले लोगों ने अख़बार के इस कदम का स्वागत किया है और कहा है कि यह सराहनीय कदम है।
उम्मीद करता हूं कि पंजाब का सबसे लोकप्रिय दैनिक समाचार पत्र पंजाब केसरी भी 'द सन' से कुछ सीखते हुए अपने विश्व दर्पण एवं फिल्मी दुनिया वाले पन्नों पर परिवार में बैठकर देखने लायक तस्वीरें प्रकाशित करेगा। अब तक हेयर ड्रेसरों की दुकानों एवं कुंवारों के होस्टेल रूमों की शोभा बढ़ाने के लिए काफी कुछ प्रकाशित हो चुका है। पंजाब केसरी को कड़ी टक्कर देने के लिए अन्य समाचार पत्रों ने भी अश्लीलता का खूब सहारा लिया है। यदि पंजाब केसरी अपना नजरिया बदलता है तो शायद अन्य भी बदल लेंगे। एक साफ सुथरा अख़बार मिलेगा। हिन्दी की कुछ समाचार वेबसाइटों को भी कुछ सोचने की जरूरत है। यदि आप केवल नग्नता से पैसा कमाना चाहते हैं तो मधुर कहानियों पैटर्न पर एक अलग से वेबसाइट खड़ी कर दें। मगर, शाकाहारी भोजन के बीच में चिकन रखकर किसी के भीतर उत्सुकता न जगाएं।
अंत में.....
भारत में भी डीबी कार्प ने एक अनूठी पहल की है। इस पहल के तहत दैनिक भास्कर समूह के किसी भी संस्करण में सोमवार को नकारात्मक समाचार को प्रमुखता नहीं दी जाएगी। हालांकि, यह कोशिश आज से कुछ साल पहले वर्ष 2007 में इंदौर से प्रकाशित होने नई दुनिया समाचार पत्र ने सकारात्मक सोमवार के नाम से की थी, जो कुछ सालों बाद एक नए संपादक के आते ही दम तोड़ गई थी।
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