जब से नयी मोदी सरकार आई है। तब से देश में धर्म परिवर्तन, घर वापसी, स्कूलों में योग व संस्कृत, गीता का राष्ट्रीकरण, स्वदेशी ब्रांड जैसे मुद्दे उठ रहे हैं। राष्ट्र प्रेम चरम पर है। हर कोई इस पर काम कर रहा है। हालांकि स्वदेशी ब्रांड का प्रचार करने में जुटी एक संस्था को स्वदेशी और विदेशों में अंतर भी पता नहीं है।
उनकी इस गलती को यह कहकर माफ किया जा सकता है कि भारत में सब कुछ चलता है। झूठ के नहीं पांव फिर भी चलता है। पैसे के नहीं पांव फिर भी चलता है। सीबीआई अपनी बात से बार बार मुकर सकती है। यहां चोर भी साध हो सकता है। बस पैसा होना चाहिए।
सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि कुछेक भारतीयों का दूसरा धर्म यानी किक्रेट खेल अब एक विदेशी ब्रांड का प्रचार करता नजर आएगा। नाइक स्टार ने भारतीय क्रिकेट टीम को नई जर्सी उपलब्ध करवाई है क्योंकि सहारा के बाद नाइट स्टार इंडिया क्रिकेट टीम की प्रायोजित कंपनी है।
शायद, सहारा के बाद भारत में ऐसा दूसरा स्वदेशी समूह नहीं था, जो भारतीय टीम को प्रायोजित कर लेता, इसलिए विदेशी का सहारा लेना पड़ा है। मगर, मुझे लगता है कि इस संबंध में बाबा रामदेव से बातचीत करनी चाहिए थी। उनका पतंजलि ब्रांड आज भारत के कोने कोने में पहुंच चुका है। और उनका कारोबार 20 हजार करोड़ का हो चुका है। एक भारतीय क्रिकेट टीम को संभालने वाले बोर्ड की कीमत से आसानी से लग सकती है।
हालांकि, विदेशी का सहारा लेना बुरी बात नहीं, क्योंकि आज की युवा पीढ़ी ब्रांड में बिलीव करती है। उसको ब्रांड लुभावते हैं। इस बात का फायदा देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उठाया। और स्वयं को एक ब्रांड के रूप में स्थापित किया। नरेंद्र मोदी का नमो होना, इसका सबूत है। अबकी बार मोदी सरकार, टैगलाइन है। किसी उत्पाद की टैगलाइन गजब की होनी चाहिए।
मगर, उनका क्या होगा, जो विदेशी मोबाइल से विदेशी सोशल चैट मैसेंजर के जरिये संदेश भेजकर स्वदेशी अपनाओ का नारा मार रहे हैं। देश के प्रधानम़ंत्री एक तरफ खादी का आह्वान करते हैं, दूसरी तरफ विदेशी निवेशकों को पटाने के लिए गुजरात वाइब्रेंट का आयोजन करते हैं और टैलिप्राम्प्टर के जरिये इंग्लिश स्पीच पढ़ते हैं। कागज का इस्तेमाल क्यूं नहीं किया गया। एक विदेशी पद्धति को अपनाने की क्या जरूरत थी, शायद यह बताने के लिए हम भी ओबामा से कम नहीं हैं ? हो भी नहीं सकते, क्योंकि नमो ब्रांड का प्रचार एक विदेश संस्था के हाथ में जो है, जो ओबामा के लिए कार्यरत थी।
वैसे अगले महीने दिल्ली चुनाव के बाद भारतीय अधिक समय टेलीविजन के सामने होंगे। कुछ रेडियो के साथ चिपके होंगे। घर के ड्राइंग रूम में बैठकर भारतीय टीम की कमियों पर चर्चा की जाएगी। टेलीविजन की स्क्रीन में घुसने के लिए जोर मारा जाएगा।
उम्मीद होगी कि विदेशी धरती पर महेंद्र धोनी एंड कंपनी भारत का ध्वज लहराकर आए। विश्व को बताया कि दुनिया में भारत से बेहतर क्रिकेट टीम मिलना मुश्किल है। हालांकि, भारत ने हॉकी में अपना वर्चस्व गंवा दिया है।
अंत में
भारतीय टीम की नयी जर्सी का फर्स्ट लुक बीसीसीआई ने अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से जारी किया है। ट्वीट में एक फोटो हैं जिसमें कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धौनी सामने खड़े नजर आ रहै हैं। उनकी जर्सी पर नाइक का लोगो एवं स्टार इंडिया लिखा हुआ है।
फोटो में धोनी के साथ रविंद्र जडेजा, सुरेश रैना, रोहित शर्मा ,विराट कोहली, आर अश्विन ,शिखर धवन जैसे भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार नजर आ रहे हैं। यह जर्सी भी पहले की तरह ही नीले रंग की है।
इससे पहले दिसंबर में ही स्टार इंडिया प्रा लि को तीन साल के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के प्रायोजन अधिकार सौंप दिए गया था। प्रायोजक सहारा की बोली को बीसीसीआई ने अयोग्य घोषित कर दिया था।
उनकी इस गलती को यह कहकर माफ किया जा सकता है कि भारत में सब कुछ चलता है। झूठ के नहीं पांव फिर भी चलता है। पैसे के नहीं पांव फिर भी चलता है। सीबीआई अपनी बात से बार बार मुकर सकती है। यहां चोर भी साध हो सकता है। बस पैसा होना चाहिए।
सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि कुछेक भारतीयों का दूसरा धर्म यानी किक्रेट खेल अब एक विदेशी ब्रांड का प्रचार करता नजर आएगा। नाइक स्टार ने भारतीय क्रिकेट टीम को नई जर्सी उपलब्ध करवाई है क्योंकि सहारा के बाद नाइट स्टार इंडिया क्रिकेट टीम की प्रायोजित कंपनी है।
शायद, सहारा के बाद भारत में ऐसा दूसरा स्वदेशी समूह नहीं था, जो भारतीय टीम को प्रायोजित कर लेता, इसलिए विदेशी का सहारा लेना पड़ा है। मगर, मुझे लगता है कि इस संबंध में बाबा रामदेव से बातचीत करनी चाहिए थी। उनका पतंजलि ब्रांड आज भारत के कोने कोने में पहुंच चुका है। और उनका कारोबार 20 हजार करोड़ का हो चुका है। एक भारतीय क्रिकेट टीम को संभालने वाले बोर्ड की कीमत से आसानी से लग सकती है।
हालांकि, विदेशी का सहारा लेना बुरी बात नहीं, क्योंकि आज की युवा पीढ़ी ब्रांड में बिलीव करती है। उसको ब्रांड लुभावते हैं। इस बात का फायदा देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उठाया। और स्वयं को एक ब्रांड के रूप में स्थापित किया। नरेंद्र मोदी का नमो होना, इसका सबूत है। अबकी बार मोदी सरकार, टैगलाइन है। किसी उत्पाद की टैगलाइन गजब की होनी चाहिए।
मगर, उनका क्या होगा, जो विदेशी मोबाइल से विदेशी सोशल चैट मैसेंजर के जरिये संदेश भेजकर स्वदेशी अपनाओ का नारा मार रहे हैं। देश के प्रधानम़ंत्री एक तरफ खादी का आह्वान करते हैं, दूसरी तरफ विदेशी निवेशकों को पटाने के लिए गुजरात वाइब्रेंट का आयोजन करते हैं और टैलिप्राम्प्टर के जरिये इंग्लिश स्पीच पढ़ते हैं। कागज का इस्तेमाल क्यूं नहीं किया गया। एक विदेशी पद्धति को अपनाने की क्या जरूरत थी, शायद यह बताने के लिए हम भी ओबामा से कम नहीं हैं ? हो भी नहीं सकते, क्योंकि नमो ब्रांड का प्रचार एक विदेश संस्था के हाथ में जो है, जो ओबामा के लिए कार्यरत थी।
वैसे अगले महीने दिल्ली चुनाव के बाद भारतीय अधिक समय टेलीविजन के सामने होंगे। कुछ रेडियो के साथ चिपके होंगे। घर के ड्राइंग रूम में बैठकर भारतीय टीम की कमियों पर चर्चा की जाएगी। टेलीविजन की स्क्रीन में घुसने के लिए जोर मारा जाएगा।
उम्मीद होगी कि विदेशी धरती पर महेंद्र धोनी एंड कंपनी भारत का ध्वज लहराकर आए। विश्व को बताया कि दुनिया में भारत से बेहतर क्रिकेट टीम मिलना मुश्किल है। हालांकि, भारत ने हॉकी में अपना वर्चस्व गंवा दिया है।
अंत में
भारतीय टीम की नयी जर्सी का फर्स्ट लुक बीसीसीआई ने अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से जारी किया है। ट्वीट में एक फोटो हैं जिसमें कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धौनी सामने खड़े नजर आ रहै हैं। उनकी जर्सी पर नाइक का लोगो एवं स्टार इंडिया लिखा हुआ है।
फोटो में धोनी के साथ रविंद्र जडेजा, सुरेश रैना, रोहित शर्मा ,विराट कोहली, आर अश्विन ,शिखर धवन जैसे भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार नजर आ रहे हैं। यह जर्सी भी पहले की तरह ही नीले रंग की है।
इससे पहले दिसंबर में ही स्टार इंडिया प्रा लि को तीन साल के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के प्रायोजन अधिकार सौंप दिए गया था। प्रायोजक सहारा की बोली को बीसीसीआई ने अयोग्य घोषित कर दिया था।
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