नमस्कार,
अरविंद केजरीवाल,
संयोजक, आम आदमी पार्टी,
नई दिल्ली।
शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई हो। एग्जिट पोल के आधार पर तो आप बधाई के हकदार है हीं। यदि एग्जिट पोल चूक भी जाएं, तो भी आप बधाई के हकदार हैं क्योंकि आप ने अपने जांबाज स्वयंसेवक के साथ जी जान लगाकर चुनावी युद्ध लड़ा है। कभी कभी खेल इतना रोचक हो जाता है कि उसमें हार जीत से अधिक खिलाड़ियों का व्यवहार और जज्बा महत्व रखने लगता है। मुझे क्रिकेट देखने का अधिक शौक नहीं, मगर, क्रिकेट के मैदान पर वसीम अकरम और अजय जाडेजा का जज्बा व व्यवहार देखना पसंद था। मैच हारे या जीते, वो मुस्कराते हुए नजर आते थे। अब आप जीत रहे हैं। आपकी बहुमत वाली सरकार दिल्ली में बनती नजर आ रही है। मैं आम आदमी पार्टी का समर्थक हूं। शायद इससे बेहतर यह कहना होगा कि मैं आम लोगों का समर्थक हूं, जो कुछ बदलाव लाना चाहते हैं। मैं आपकी पार्टी का समर्थन भी इसी सोच के साथ किया।
सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि विकास और बदलाव के दावे करने वाले दो शख्स दिल्ली में होंगे। एक छोटी दिल्ली देखेगा, तो दूसरा बड़ी दिल्ली अर्थात क्रमश: आधा अधूरा राज्य एवं संपूर्ण राष्ट्र। दिल्ली को आम आदमी पार्टी की गंगोत्री कहूंगा क्योंकि इसका उदय दिल्ली से हुआ है। यदि आम आदमी पार्टी अपने वादे पूरे करने में सफल होती है तो गंगोत्री गंगा का रूप धारण कर लेगी। मगर, ध्यान रखने वाली बात यह है कि गंगा में बहुत सारे गंदे नाले भी आकर गिरने लगते हैं। यदि गंगा को साफ रखना है तो गंदे नालों को इसमें गिरने से रोकना होगा।
मुझे खुशी है कि आम आदमी पार्टी ने नरेंद्र मोदी की उस रणनीति के तहत विरोधियों का सामना किया, जो नरेंद्र मोदी ने लोक सभा चुनावों के दौरान अपनाई थी। लोक सभा चुनावों में जब नरेंद्र मोदी पर विरोधी निजी हमले कर रहे थे तो नरेंद्र मोदी स्वयं विकास के मुद्दे पर आगे बढ़ रहे थे। जिस तरह नरेंद्र मोदी ने प्रियंका वाड्रा के शब्द 'नीच राजनीति' को 'नीच जाति की राजनीति' से जोड़कर पिछड़ी जाति से होने का परिचय दिया। उसी तरह 'उपद्रवी गोत्र' की आड़ में अरविंद केजरीवाल जी आप भी अपना 'गोत्र अग्रवाल' बताने से चूके नहीं। जब बीजेपी आप पर निजी हमले बोल रही थी तो आप दिल्ली की जनता से मुद्दों की बात कर रहे थे।
जिस तरह नरेंद्र मोदी ने देश के तमाम राजनीतिक दलों को स्वयं के खिलाफ बताकर स्वयं के कद को ऊंचा किया, उस तरह आप ने बीजेपी एवं केंद्र सरकार को एक साथ दिखाकर स्वयं के कद को ऊंचा किया। आप ने केंद्र सरकार बनाम अरविंद केजरीवाल कर पूरा मामला अपनी तरफ खींच लिया। जब बीजेपी आप पर कीचड़ उछालने का प्रयास कर रही थी तो आप नरेंद्र मोदी की तरह चतुराई से काम लेते हुए बीजेपी सरकार को चुनौती देते हुए दिखे। आप ने कहा, ''सरकार आपकी है, जांच करवा लो, जेल में डाल दो।'' जब कांग्रेस नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलती थी तो नरेंद्र मोदी का जवाब भी इस तरह का होता था।
अब एग्जिट पोल कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी की तरह आप भी विजयी होने जा रहे हैं। दिल्ली की जनता आपको बहुमत देने जा रही है। मेरा तो इतना निवेदन है कि आप अपना घोषणा पत्र अब अपने सामने रखें। और उसके हिसाब से जल्द से जल्द रणनीति बनाएं। जब अतिआशावाद जन्म लेता है, तो उतावलापन भी तेजी के साथ पनपने लगता है। अब सवाल आपकी तरफ भी उछलेंगे। आप केवल 'जुमला था' कहकर नहीं बच सकते क्योंकि आप से जवाब विरोधी पार्टियां नहीं, बल्कि मेरे जैसे युवा भी मांगेंगे, जो गुजरात या देश के अन्य किसी राज्य से बैठकर आपको पुरजोर समर्थन कर रहे थे।
मुझे उम्मीद है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली को एक अच्छी सरकार मुहैया करवाएंगे क्योंकि आपकी पृष्ठभूमि राजनीति से संबंध नहीं रखती है। सबसे अधिक महत्वपूर्ण बात जो मैं अंत में लिखने जा रहा हूं। वो यह है कि आप राजनीति को समझ चुके हैं। आप ने उस समझ के आधार पर एक बड़े प्रवक्ता को मात दे दी। मगर, अब आप शब्दों पर जरूर संयम बरतें। बात वो कहें, जो आप को भविष्य में भी उचित लगे, वो नहीं, जिस पर यूटर्न लेना पड़े।
हालांकि, आपका घोषणा पत्र भी एक राजनीतिक पार्टी सा था, क्योंकि उसमें वादों को पूरा करने की निश्चित समय सीमा नहीं थी। 'पांच साल केजरीवाल' से समझ आ रहा था कि आप पांच साल चाहते हैं। अब जनता ने आपको पांच साल भी दे दिए, यदि मैं एग्जिट पोल को सही मान लूं।
अंत में, फिर से बधाई देते हुए कहना चाहूंगा कि आम आदमी पार्टी के स्वयंसेवकों को खेल दिखा रहे मदारी की तरह नजरिया रखनी चाहिए, जो दे उसका भी भला, जो न दे उसका भी भला। आजकल एक नया ट्रेंड चला है, यदि आप के पक्ष में लिखूं तो आपका समर्थक, विरोध में लिखूं, तो पूछ लिया जाता है, जनाब कितने पैसे मिले हैं। करीब करीब यह हाल सभी पार्टी समर्थकों का है, लेकिन आम आदमी पार्टी से अलग तरह के व्यवहार की उम्मीद रखते हैं क्योंकि इस पार्टी में राजनीतिक लोगों की भीड़ नहीं है। बस अच्छी एवं स्वच्छ राजनीति का परिचय दें।
जय हिंद
अरविंद केजरीवाल,
संयोजक, आम आदमी पार्टी,
नई दिल्ली।
शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई हो। एग्जिट पोल के आधार पर तो आप बधाई के हकदार है हीं। यदि एग्जिट पोल चूक भी जाएं, तो भी आप बधाई के हकदार हैं क्योंकि आप ने अपने जांबाज स्वयंसेवक के साथ जी जान लगाकर चुनावी युद्ध लड़ा है। कभी कभी खेल इतना रोचक हो जाता है कि उसमें हार जीत से अधिक खिलाड़ियों का व्यवहार और जज्बा महत्व रखने लगता है। मुझे क्रिकेट देखने का अधिक शौक नहीं, मगर, क्रिकेट के मैदान पर वसीम अकरम और अजय जाडेजा का जज्बा व व्यवहार देखना पसंद था। मैच हारे या जीते, वो मुस्कराते हुए नजर आते थे। अब आप जीत रहे हैं। आपकी बहुमत वाली सरकार दिल्ली में बनती नजर आ रही है। मैं आम आदमी पार्टी का समर्थक हूं। शायद इससे बेहतर यह कहना होगा कि मैं आम लोगों का समर्थक हूं, जो कुछ बदलाव लाना चाहते हैं। मैं आपकी पार्टी का समर्थन भी इसी सोच के साथ किया।
सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि विकास और बदलाव के दावे करने वाले दो शख्स दिल्ली में होंगे। एक छोटी दिल्ली देखेगा, तो दूसरा बड़ी दिल्ली अर्थात क्रमश: आधा अधूरा राज्य एवं संपूर्ण राष्ट्र। दिल्ली को आम आदमी पार्टी की गंगोत्री कहूंगा क्योंकि इसका उदय दिल्ली से हुआ है। यदि आम आदमी पार्टी अपने वादे पूरे करने में सफल होती है तो गंगोत्री गंगा का रूप धारण कर लेगी। मगर, ध्यान रखने वाली बात यह है कि गंगा में बहुत सारे गंदे नाले भी आकर गिरने लगते हैं। यदि गंगा को साफ रखना है तो गंदे नालों को इसमें गिरने से रोकना होगा।
मुझे खुशी है कि आम आदमी पार्टी ने नरेंद्र मोदी की उस रणनीति के तहत विरोधियों का सामना किया, जो नरेंद्र मोदी ने लोक सभा चुनावों के दौरान अपनाई थी। लोक सभा चुनावों में जब नरेंद्र मोदी पर विरोधी निजी हमले कर रहे थे तो नरेंद्र मोदी स्वयं विकास के मुद्दे पर आगे बढ़ रहे थे। जिस तरह नरेंद्र मोदी ने प्रियंका वाड्रा के शब्द 'नीच राजनीति' को 'नीच जाति की राजनीति' से जोड़कर पिछड़ी जाति से होने का परिचय दिया। उसी तरह 'उपद्रवी गोत्र' की आड़ में अरविंद केजरीवाल जी आप भी अपना 'गोत्र अग्रवाल' बताने से चूके नहीं। जब बीजेपी आप पर निजी हमले बोल रही थी तो आप दिल्ली की जनता से मुद्दों की बात कर रहे थे।
जिस तरह नरेंद्र मोदी ने देश के तमाम राजनीतिक दलों को स्वयं के खिलाफ बताकर स्वयं के कद को ऊंचा किया, उस तरह आप ने बीजेपी एवं केंद्र सरकार को एक साथ दिखाकर स्वयं के कद को ऊंचा किया। आप ने केंद्र सरकार बनाम अरविंद केजरीवाल कर पूरा मामला अपनी तरफ खींच लिया। जब बीजेपी आप पर कीचड़ उछालने का प्रयास कर रही थी तो आप नरेंद्र मोदी की तरह चतुराई से काम लेते हुए बीजेपी सरकार को चुनौती देते हुए दिखे। आप ने कहा, ''सरकार आपकी है, जांच करवा लो, जेल में डाल दो।'' जब कांग्रेस नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलती थी तो नरेंद्र मोदी का जवाब भी इस तरह का होता था।
अब एग्जिट पोल कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी की तरह आप भी विजयी होने जा रहे हैं। दिल्ली की जनता आपको बहुमत देने जा रही है। मेरा तो इतना निवेदन है कि आप अपना घोषणा पत्र अब अपने सामने रखें। और उसके हिसाब से जल्द से जल्द रणनीति बनाएं। जब अतिआशावाद जन्म लेता है, तो उतावलापन भी तेजी के साथ पनपने लगता है। अब सवाल आपकी तरफ भी उछलेंगे। आप केवल 'जुमला था' कहकर नहीं बच सकते क्योंकि आप से जवाब विरोधी पार्टियां नहीं, बल्कि मेरे जैसे युवा भी मांगेंगे, जो गुजरात या देश के अन्य किसी राज्य से बैठकर आपको पुरजोर समर्थन कर रहे थे।
मुझे उम्मीद है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली को एक अच्छी सरकार मुहैया करवाएंगे क्योंकि आपकी पृष्ठभूमि राजनीति से संबंध नहीं रखती है। सबसे अधिक महत्वपूर्ण बात जो मैं अंत में लिखने जा रहा हूं। वो यह है कि आप राजनीति को समझ चुके हैं। आप ने उस समझ के आधार पर एक बड़े प्रवक्ता को मात दे दी। मगर, अब आप शब्दों पर जरूर संयम बरतें। बात वो कहें, जो आप को भविष्य में भी उचित लगे, वो नहीं, जिस पर यूटर्न लेना पड़े।
हालांकि, आपका घोषणा पत्र भी एक राजनीतिक पार्टी सा था, क्योंकि उसमें वादों को पूरा करने की निश्चित समय सीमा नहीं थी। 'पांच साल केजरीवाल' से समझ आ रहा था कि आप पांच साल चाहते हैं। अब जनता ने आपको पांच साल भी दे दिए, यदि मैं एग्जिट पोल को सही मान लूं।
अंत में, फिर से बधाई देते हुए कहना चाहूंगा कि आम आदमी पार्टी के स्वयंसेवकों को खेल दिखा रहे मदारी की तरह नजरिया रखनी चाहिए, जो दे उसका भी भला, जो न दे उसका भी भला। आजकल एक नया ट्रेंड चला है, यदि आप के पक्ष में लिखूं तो आपका समर्थक, विरोध में लिखूं, तो पूछ लिया जाता है, जनाब कितने पैसे मिले हैं। करीब करीब यह हाल सभी पार्टी समर्थकों का है, लेकिन आम आदमी पार्टी से अलग तरह के व्यवहार की उम्मीद रखते हैं क्योंकि इस पार्टी में राजनीतिक लोगों की भीड़ नहीं है। बस अच्छी एवं स्वच्छ राजनीति का परिचय दें।
जय हिंद
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अपने बहुमूल्य विचार रखने के लिए आपका धन्यवाद