बेहद विवादित एंटरटेनमेंट एवं चैरिटी शो एआईबी रोस्ट को लेकर बॉलीवुड में अलग अलग राय है। कुछ सितारे इसके पक्ष में खड़े हैं, तो कुछ इसके विरोध में। जहां कमाल खान गालियां देते हुए इस गाली भरपूर शो का विरोध कर रहे हैं, वहीं आमिर ख़ान गंभीरता के साथ करण जौहर और अर्जुन कपूर को फटकार लगा रहे हैं।
कमाल ख़ान को लेकर बात करना जरूरी नहीं, उसकी तो विवाद खड़ा करना आदत है। लेकिन आमिर ख़ान को लेकर बात करना बनता है क्योंकि बॉलीवुड में उनका कद काफी ऊंचा है। 'सत्यमेव जयते' जैसे शो ने उनकी समाज में एक अलग छवि बनाई है, हालांकि, आमिर ख़ान केवल इस शो का चेहरा हैं, क्योंकि अभिनेता हमेशा चेहरा ही होता है। मगर, जनता इस बात से अनजान रहती है। उसके लिए चेहरा ही सब कुछ होता है। इसमें शक नहीं है कि आमिर ख़ान एक संजीदा कलाकार हैं, उनका प्रोजेक्ट चुनाव बेहतर होता है।
हाल में आमिर ख़ान ने एक टिप्पणी की, जो मुझे थोड़ी सी अख़र रही है। उनकी बात गले नहीं उतार पा रहा हूं। शायद आप उतार पाएं। एआईबी रोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए आमिर ख़ान ने कहा,''मैंने यह शो पूरा नहीं देखा है। इस शो के दो - तीन क्लिप ही मैंने देखे हैं और पर्सनली यह शो मुझे पसंद नहीं आया। शो देखते ही मुझे गहरा धक्का लगा। जो मैं सुन रहा था, उसपर मैं विश्वास नहीं कर पा रहा था।''
आगे आमिर ख़ान कहते हैं कि यह शो मुझे पर्सनली बेहद ही हिंसात्मक लगा। मैं किसी की पर्सनली अभिव्यक्ति की आजादी पर कमेंट नहीं कर रहा, लेकिन मेरा मानना है कि आजादी के साथ-साथ कुछ जिम्मेदारियां भी होती हैं, जिसे हम सब को निभाना चाहिए।''
आमिर की प्रतिक्रिया सही है। मैं भी मानता हूं यदि हम एक अच्छा समाज चाहते हैं, तो हमको इस तरह के गाली भरपूर एंटरनेटमेंट कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाना होगा। मगर, मैं आमिर से एक सवाल पूछना चाहता हूं कि उनकी डेल्ही बेली फिल्म, आख़िर किस तरह की सोच से उपजी थी। मुझे लगता है कि 'डीके बॉस' की जगह किसी अन्य नाम को रखा जा सकता था। गालियों के बिना भी फिल्म का निर्माण हो सकता है।
हालांकि, इस फिल्म से पहले आमिर ख़ान ने दर्शकों को चेता दिया था कि डेल्ही बेली फिल्म देखने जाते समय बच्चों को न लेकर जाएं क्योंकि आपको शब्दावली से समस्या हो सकती है। हालांकि, एक शो के दौरान लड़कियों ने आमिर ख़ान के साहस की सराहना की थी, हो सकता है कि यह अंध प्रेम हो, एक छवि के प्रति उनका झुकाव। लड़कियां कह रही थीं कि उनके कारण उनको गालियां निकालना आ गया। आमिर ख़ान की मुस्कराहट बता रही थी कि उनका संदेश लड़कियों तक पहुंच गया, मगर, यह किस तरह की शिक्षा है।
एक अन्य सवाल, जो उनकी फिल्म थ्री इडियट्स से जुड़ा हुआ है। उसके एक डायलॉग है, तोहफा कबूल करें, और जब इस डायलॉग को बोला जाता है, तो झुककर शर्ट को पिछवाड़े से उठाता हुआ सामने वाला कौन सा तोहफा दे रहा होता है। एक और सवाल, जो पिछले दिनों रिकॉर्ड तोड़ कमाई करने वाली फिल्म पीके से जुड़ा हुआ है। इस फिल्म में आमिर ख़ान किसी के पिछवाड़े में हाथ डालते हुए किसी का स्टाइल ठीक कर रहे हैं। पीके शहर, वीराने या अन्य जगह पर डांसिंग कारें दिखा रहा है, क्या यह सही है ?
मुझे लग रहा है कि आप कड़वी दवा को शहद में मिलाकर पिला रहे हैं और एआईबी रोस्ट पूरी की पूरी कड़वी दवा निगलने को कह रहा है। एआईबी वाले किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं करना चाहते। शायद उनको मिलावट पसंद नहीं है। मगर, आप तो शहद के साथ कड़वी दवा पिला रहे हैं।
आमिर ख़ान, तुम लोगों से तो सन्नी लियोने अच्छी है, जो कपड़े पहनने के पैसे तो ले रही है। बॉलीवुड की अभिनेत्रियों ने तो कपड़े उतरवाने के बदले पैसे लिए हैं। वक्त है अभी भी संभल जाओ। दिखाए से हट जाओ। लड़ना है तो स्वयं भी सुधरो। यदि लोग अच्छी चीज से हंसी पैदा नहीं कर सकते, तो दूसरों पर उंगली न उठाएं। वैसे आपका जल्द कोई प्रोग्राम तो नहीं आने वाला या कोई फिल्म तो रिलीज होने के किनारे तो नहीं।
कमाल ख़ान को लेकर बात करना जरूरी नहीं, उसकी तो विवाद खड़ा करना आदत है। लेकिन आमिर ख़ान को लेकर बात करना बनता है क्योंकि बॉलीवुड में उनका कद काफी ऊंचा है। 'सत्यमेव जयते' जैसे शो ने उनकी समाज में एक अलग छवि बनाई है, हालांकि, आमिर ख़ान केवल इस शो का चेहरा हैं, क्योंकि अभिनेता हमेशा चेहरा ही होता है। मगर, जनता इस बात से अनजान रहती है। उसके लिए चेहरा ही सब कुछ होता है। इसमें शक नहीं है कि आमिर ख़ान एक संजीदा कलाकार हैं, उनका प्रोजेक्ट चुनाव बेहतर होता है।
हाल में आमिर ख़ान ने एक टिप्पणी की, जो मुझे थोड़ी सी अख़र रही है। उनकी बात गले नहीं उतार पा रहा हूं। शायद आप उतार पाएं। एआईबी रोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए आमिर ख़ान ने कहा,''मैंने यह शो पूरा नहीं देखा है। इस शो के दो - तीन क्लिप ही मैंने देखे हैं और पर्सनली यह शो मुझे पसंद नहीं आया। शो देखते ही मुझे गहरा धक्का लगा। जो मैं सुन रहा था, उसपर मैं विश्वास नहीं कर पा रहा था।''
आगे आमिर ख़ान कहते हैं कि यह शो मुझे पर्सनली बेहद ही हिंसात्मक लगा। मैं किसी की पर्सनली अभिव्यक्ति की आजादी पर कमेंट नहीं कर रहा, लेकिन मेरा मानना है कि आजादी के साथ-साथ कुछ जिम्मेदारियां भी होती हैं, जिसे हम सब को निभाना चाहिए।''
आमिर की प्रतिक्रिया सही है। मैं भी मानता हूं यदि हम एक अच्छा समाज चाहते हैं, तो हमको इस तरह के गाली भरपूर एंटरनेटमेंट कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाना होगा। मगर, मैं आमिर से एक सवाल पूछना चाहता हूं कि उनकी डेल्ही बेली फिल्म, आख़िर किस तरह की सोच से उपजी थी। मुझे लगता है कि 'डीके बॉस' की जगह किसी अन्य नाम को रखा जा सकता था। गालियों के बिना भी फिल्म का निर्माण हो सकता है।
हालांकि, इस फिल्म से पहले आमिर ख़ान ने दर्शकों को चेता दिया था कि डेल्ही बेली फिल्म देखने जाते समय बच्चों को न लेकर जाएं क्योंकि आपको शब्दावली से समस्या हो सकती है। हालांकि, एक शो के दौरान लड़कियों ने आमिर ख़ान के साहस की सराहना की थी, हो सकता है कि यह अंध प्रेम हो, एक छवि के प्रति उनका झुकाव। लड़कियां कह रही थीं कि उनके कारण उनको गालियां निकालना आ गया। आमिर ख़ान की मुस्कराहट बता रही थी कि उनका संदेश लड़कियों तक पहुंच गया, मगर, यह किस तरह की शिक्षा है।
एक अन्य सवाल, जो उनकी फिल्म थ्री इडियट्स से जुड़ा हुआ है। उसके एक डायलॉग है, तोहफा कबूल करें, और जब इस डायलॉग को बोला जाता है, तो झुककर शर्ट को पिछवाड़े से उठाता हुआ सामने वाला कौन सा तोहफा दे रहा होता है। एक और सवाल, जो पिछले दिनों रिकॉर्ड तोड़ कमाई करने वाली फिल्म पीके से जुड़ा हुआ है। इस फिल्म में आमिर ख़ान किसी के पिछवाड़े में हाथ डालते हुए किसी का स्टाइल ठीक कर रहे हैं। पीके शहर, वीराने या अन्य जगह पर डांसिंग कारें दिखा रहा है, क्या यह सही है ?
मुझे लग रहा है कि आप कड़वी दवा को शहद में मिलाकर पिला रहे हैं और एआईबी रोस्ट पूरी की पूरी कड़वी दवा निगलने को कह रहा है। एआईबी वाले किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं करना चाहते। शायद उनको मिलावट पसंद नहीं है। मगर, आप तो शहद के साथ कड़वी दवा पिला रहे हैं।
आमिर ख़ान, तुम लोगों से तो सन्नी लियोने अच्छी है, जो कपड़े पहनने के पैसे तो ले रही है। बॉलीवुड की अभिनेत्रियों ने तो कपड़े उतरवाने के बदले पैसे लिए हैं। वक्त है अभी भी संभल जाओ। दिखाए से हट जाओ। लड़ना है तो स्वयं भी सुधरो। यदि लोग अच्छी चीज से हंसी पैदा नहीं कर सकते, तो दूसरों पर उंगली न उठाएं। वैसे आपका जल्द कोई प्रोग्राम तो नहीं आने वाला या कोई फिल्म तो रिलीज होने के किनारे तो नहीं।
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